CTET SUCCESS

Dalton Method | डाल्टन विधि ctet stet uptet ctet2022 CDP pedagogy ctetsuccess








Q.Who gave the Dalton method ?
        डाल्टन विधि किसने दिया ?

       A. John Dalton
       B. Carlton Washburn
       C. Helen Parkhurst
       D. Jacob Moreno

Ans :- (C) Helen Parkhurst  

Details of Dalton Method 
{डाल्टन विधि का विवरण}


सन्‌ 1912 में अमरीका की शिक्षाशास्त्रिणी कुमारी हेलेन पार्खस्ट (Helen Parkhurst)  ने 8 से 12 वर्ष के बीच की अवस्थावाले बालकों के लिए एक नई शिक्षायोजना बनाई। यद्यपि यह योजना उनके मन में पहले से ही थी किंतु उसका वास्तविक प्रयोग सन्‌ 1913 और 1915 के बीच किया गया। इस बीच प्रथम विश्व युद्ध शुरू हो गया तो उन्होंने इसे पुनः 1920 में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के मैसाच्युसेट राज्य के डाल्टन स्थित विद्यालयों में अपनी इस योजना को प्रारंभ किया। इसके बाद उन्होंने अपनी बाल विश्वविद्यालय पाठशाला स्थापित कर इस योजना को व्यवहार में लाया। 




    Dalton Theory
डाल्टन विधि के सिद्धांत 


इसके दो मुख्य सिद्धान्त है :-

        ★ विभिन्न विषयों के लिए निश्चित घंटो और समयसारणी के कठोर बंधनो को नष्ट कर के बच्चो को स्वतंत्रतापूर्ण कार्य करने की सुविधा देना ।

         ★ बालक की रुचि जिस विषय मे अधिक हो उसे उस विषय को जितनी देर तक वह चाहे उसे अध्ययन करने देना ।

इसके सिद्धान्तों से ये पता चलता है कि ये कोई नई शिक्षण प्रणाली नही है। यह एक नई प्रकार की विद्यालय व्यवस्था है जिसमे विषय तो वही पढ़ाये जाते है किंतु तरीका, प्रकार और परिणाम अलग होते है।
           इस विधि में कक्षाएँ लुप्त हो जाती है और प्रत्येक कक्षा एक प्रयोगशाला बन जाती है। इन प्रयोगशाला में उन सभी विषयों की सहायक पुस्तके , चित्र , रेखाचित्र आदि विद्धमान रहते है ।बच्चे जिस विषय का कार्य पूरा करना चाहते है वो उस विषय के प्रयोगशाला में बैठ कर अपना कार्य करते है।

 Works for Teachers
    अध्यापको के कार्य




डाल्टन विधि में अध्यापको के लिए भी कार्य दिए गए है, जो निम्न प्रकार से है :-

        ★ अध्यापक अपनी अपनी प्रयोगशाला में जाकर पूरे वर्ष भर का मासिक कार्य योजना तैयार कर दे ।

         ★ कोई विद्यार्थी कुछ सवाल पूछे तो उसे उचित परामर्श दे और यह भी देखे की छात्र किसी दूसरे की नकल तो नही कर रहा या अपना समय व्यर्थ नष्ट न कर रहा हो।

         ★ मासिक कार्ययोजना बनाते समय अलग अलग विषयो के अध्यापक आपस मे मिल कर इस प्रकार कार्य बाँटे कि एक प्रकार के कार्य की आवृत्ति (दोहराना) न हो ।

Leave a Comment