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 विशेषण

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं, जैसे- राहुल एक मोटा लड़का है ।


विशेष्य :-

जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलायी जाती है, उस संज्ञा या सर्वनाम को विशेष्य कहते हैं, जैसे:- 

  • लड़का लंबा है ।        ( लड़का -> विशेष्य )
  • वह लंबा है ।             ( वह -> विशेष्य )
  • कलम लाल है ।         ( कलम -> विशेष्य )
  • यह लाल है ।             ( वह -> विशेष्य )



प्रविशेषण :-

विशेषण की विशेषता बतलानेवाले विशेषण को प्रविशेषण कहते हैं। प्रविशेषण सामान्यतः विशेषण के गुणों में वृद्धि लाता है, जैसे- थोड़ा, बहुत, अति, अत्यंत, अधिक, अत्यधिक, बड़ा, बेहर, महा, घोर, ठीक, बिल्कुल, लगभग आदि।


  • दूध मीठा है। (मीठा-संज्ञा की विशेषता = विशेषण)
  • दूध बहुत मीठा है। (बहुत- विशेषण की विशेषता = प्रविशेषण)
  • वह पाँच बजे आएगा। (पाँच – संज्ञा की विशेषता = विशेषण)
  • वह ठीक पाँच बजे आएगा। (ठीक-विशेषण की विशेषता = प्रविशेषण)


स्पष्ट है कि उपर्युक्त वाक्यों में प्रयुक्त ‘बहुत’ एवं ठीक शब्द प्रविशेषण हैं, क्योंकि ये विशेषण की विशेषता बतलाते हैं।


विशेषण का प्रयोग :- 


विशेषण का प्रयोग दो रूप से किया जा सकता है – 


  • उद्देश्य विशेषणः जब विशेषण का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम से पहले किया जाता है, वे उद्देश्य विशेषण कहलाते हैं, जैसे-यह लाल जैकेट है। 
  • विधेय विशेषणः जब विशेषण का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के बाद किया जाता है, वे विधेय विशेषण कहलाते हैं, जैसे-यह जैकेट लाल है।


नोट :- यहां ध्यान देने योग्य दो बाते है :- 

1. विशेषण के लिंग एवं वचन विशेष्य के लिंग व वचन के अनुसार होते हैं, चाहे विशेषण विशेष्य के पहले आए या बाद में जैसे :- 

  • यह अच्छा लड़का है। (अच्छा, लड़का दोनों एकवचन, पुल्लिंग)
  • यह लड़का अच्छा है। (लड़का, अच्छा-दोनों एकवचन, पुल्लिंग)
  • वह अच्छी लड़की है। (अच्छी, लड़की-दोनों एकवचन, स्त्रीलिंग)
  • वे अच्छे लड़के हैं। (अच्छे, लड़के दोनों बहुवचन, पुल्लिंग) 


2. अगर एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हों, तो विशेषण के लिंग और वचन प्रथम विशेषय के लिंग और वचन के अनुसार होंगे, जैसे :- 

  • उजला कुरता, टोपी और जूते लाओ। (प्रथम विशेष्य कुरता- पुंल्लिंग, अतः-उजला)
  • उजली टोपी, कुरता और जूते लाओ। (प्रथम विशेष्य टोपी-स्त्रीलिंग, अतः-उजली)
  • उजले जूते, कुरता और टोपी लाओ। (प्रथम विशेष्य जूते – येकरांत पुल्लिंग, अतः-उजले)

स्पष्ट है कि यहाँ एक विशेषण के अनेक विशेष्य हैं, लेकिन विशेषण के लिंग एवं वचन प्रथम विशेष्य के लिंग एवं वचन के अनुसार ही आए हैं।


वाक्य के दो अंग होते हैं :- 

  • उद्देश्यः जिसके बारे में कहा जाए।
  • विधेयः जो कहा जाए।

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विशेषण के भेद

विशेषण के चार भेद होते हैं:

  1. गुणवाचक
  2. परिमाणवाचक
  3. संख्यावाचक
  4. सार्वनामिक


1. गुणवाचक विशेषण

जिस विशेषण से गुण, दोष, रंग, आकार, स्वभाव, दशा, अवस्था आदि को बोध हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे- अच्छा, बुरा, सच्चा, झूठा, नेक, भला, सुंदर, कुरूप, आकर्षक, सीधा, टेढ़ा, लाल, पीला, लंबा, चौड़ा, छोटा बड़ा, दयालु, कठोर, सूखा, गीला, दुबला, पतला, नया, पुराना, आधुनिक, प्राचीन, बनारसी, मुरादाबादी आदि ।


  • वह भला/अच्छा आदमी है। (भला/अच्छा-गुण् बोधक)
  • मोहन बुरा/दुष्ट लड़का है। (बुरा/दुष्ट-अवगुण बोधक)
  • कपड़ा लाल/पीला है। (लाल/पीला-रंगबोधक)
  • भाला नुकीला/लंबा है। (नुकीला/लंबा-आकारबोधक)
  • मोहन दुबला/मोटा है। (दुबला/मोटा-दशाबोधक)


2. परिमाणवाचक विशेषण

जो विशेषण वस्तु के परिणाम या मात्रा (नाप, तौल या माप) का बोध कराए, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे-दो लिटर, तीन मीटर, थोड़ा, बहुत, कुछ कम, सारा, पूरा, इतना, उतना जितना, कितना आदि। परिमाणवाचक के दो उपभेद होते हैं:


1. निश्चित परिमाणवाचकः जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराएं वो निश्चित परिमाणवाचक विशेषत कहलाते हैं, जैसे


  • दो लिटर दूध दें। (दो लिटर निश्चित परिमाण) 
  • तीन मीटर कपड़ा दें। (तीन मीटर – निश्चित परिमाण)


2. अनिश्चित परिमाणवाचकः जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के अनिश्चित परिमाण का बोध कराए वो अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं, जैसे


  • थोड़ा दूध चाहिए। (थोड़ा दूध-अनिश्चित परिमाण)
  • बहुत कपड़े चाहिए। (बहुत कपड़े- अनिश्चित परिमाण)


3. संख्यावाचक सर्वनाम


जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे-दो, चार, पहला, चौथा, दोहरा, चौगुना, आधा, पाव, कुछ, बहुत, सैकड़ों, असंख्य आदि। इसके भी दो उपभेद होते हैं।


i.  निश्चित संख्यावाचक 

  • चार लड़के आ रहे हैं। ( चार लड़कें – निश्चित संख्या)


ii. अनिश्चित संख्यावाचक 

  • कुछ लड़के आ रहे हैं। (कुछ लड़के अनिश्चित संख्या)


4. सार्वनामिक विशेषण


जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं, जैसे-यह, वह, कपौन, क्या, कोई, कुछ आदि ।

उपर्युक्त शब्द सर्वनाम और विशेषण दोनों हैं। यदि ये क्रिया के पहले प्रयुक्त हों, तो सर्वनाम और संज्ञा के पहले प्रयुक्त हों, तो सार्वनामिक विशेषण, जैसे


  • यह देखो। (क्रिया के पहले यह- – सर्वनाम)
  • यह फूल देखो। (संज्ञा के पहले यह सार्वनामिक विशेषण)
  • वह खेलेगा। (क्रिया के पहले वह – सर्वनाम )
  • वह लड़का खेलेगा। (संज्ञा के पहले-वह सार्वनामिक विशेषण)


उपर्युक्त बातों से स्पष्ट हो जाता है कि- ‘यह’ और ‘वह’ शब्द सर्वनाम भी हैं और विशेषण भी। यह आप पर निर्भर करता है कि इनका प्रयोग आप किस रूप में करते हैं। अतः इन शब्दों के प्रयोग में सावधानी रखें, अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो सकता है।

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